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द्र॒प्सश्च॑स्कन्द पृथि॒वीमनु॒ द्यामि॒मं च॒ योनि॒मनु॒ यश्च॒ पूर्वः॑। स॒मा॒नं योनि॒मनु॑ सं॒चर॑न्तं द्र॒प्सं जु॑हो॒म्यनु॑ स॒प्त होत्राः॑ ॥५ ॥

मन्त्र उच्चारण
पद पाठ

द्र॒प्सः। च॒स्क॒न्द॒। पृ॒थि॒वीम्। अनु॑। द्याम्। इ॒मम्। च॒। योनि॑म्। अनु॑। यः। च॒। पूर्वः॑। स॒मा॒नम्। योनि॑म्। अनु॑। सं॒चर॑न्त॒मिति॑ स॒म्ऽचर॑न्तम्। द्र॒प्सम्। जु॒हो॒मि। अनु॑। स॒प्त। होत्राः॑ ॥५ ॥

यजुर्वेद » अध्याय:13» मन्त्र:5


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हिन्दी - स्वामी दयानन्द सरस्वती

फिर वह कैसा है, यह विषय अगले मन्त्र में कहा है ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे मनुष्यो ! जैसे मैं जिस के (सप्त) पाँच प्राण, मन और आत्मा ये सात (होत्राः) अनुग्रहण करनेहारे (यः) जो (इमम्) इस (पृथिवीम्) पृथिवी (द्याम्) प्रकाश (च) और (योनिम्) कारण के अनुकूल जो (पूर्वः) सम्पूर्ण स्वरूप (द्रप्सः) आनन्द और उत्साह को (अनु) अनुकूलता से (चस्कन्द) प्राप्त होता है, उस (योनिम्) स्थान के (अनु) अनुसार (संचरन्तम्) संचारी (समानम्) एक प्रकार के (द्रप्सम्) सर्वत्र अभिव्याप्त आनन्द को मैं (अनुजुहोमि) अनुकूल ग्रहण करता हूँ, वैसे तुम लोग भी ग्रहण करो ॥५ ॥
भावार्थभाषाः - हे मनुष्यो ! तुम को चाहिये कि जिस जगदीश्वर के आनन्द और स्वरूप का सर्वत्र लाभ होता है, उसकी प्राप्ति के लिये योगाभ्यास करो ॥५ ॥
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संस्कृत - स्वामी दयानन्द सरस्वती

पुनः स कीदृश इत्याह ॥

अन्वय:

(द्रप्सः) हर्ष उत्साहः। अत्र दृप विमोहनहर्षणयोरित्यत औणादिकः सः किच्च (चस्कन्द) प्राप्नोति (पृथिवीम्) भूमिम् (अनु) (द्याम्) प्रकाशम् (इमम्) (च) (योनिम्) कारणम् (अनु) (यः) (च) (पूर्वः) पूर्णः (समानम्) (योनिम्) स्थानम् (अनु) (संचरन्तम्) (द्रप्सम्) आनन्दम् (जुहोमि) गृह्णामि (अनु) (सप्त) पञ्च प्राणा मन आत्मा चेति (होत्राः) आदातारः। [अयं मन्त्रः शत०७.४.१.२० व्याख्यातः] ॥५ ॥

पदार्थान्वयभाषाः - हे मनुष्याः ! यथाहं यस्य सप्त होत्राऽनुग्रहीतारो य इमां पृथिवीं द्यां योनिं चानु यः पूर्वो द्रप्सोऽनु चस्कन्द, तस्य योनिमनु संचरन्तं समानं द्रप्सं सर्वत्राभिव्याप्तमानन्दमनुजुहोमि तथैनमादत्त ॥५ ॥
भावार्थभाषाः - हे मनुष्याः ! यूयं यस्य जगदीश्वरस्य सानन्दं स्वरूपं सर्वत्रोपलभ्यते, तत्प्राप्तये योगमभ्यस्यत ॥५ ॥
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मराठी - माता सविता जोशी

(यह अनुवाद स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आधार पर किया गया है।)
भावार्थभाषाः - हे माणसांनो ! ज्या जगदीश्वराच्या आनंदामुळे व स्वरूपामुळे सर्वांना सर्वत्र लाभ होतात त्याच्या प्राप्तीसाठी तुम्ही योगाभ्यास करा.